इन 5 रास्तों से रिस गया पाकिस्तान का सारा डॉलर, डिफाल्टर होने की आई नौबत
पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना-पाक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़ी मशीनरी के भारी निर्यात के चलते पाकिस्तान को ज्यादा डॉलर की जरूरत पड़ रही है। इसका सीधा असर उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ रहा है और वह बैलेंस ऑफ पेमेंट जैसे संकट के मुहाने पर खड़ा है। बड़ा सवाल यह है कि देश की इकोनॉमी को यहां तक लाने के लिए क्या अकेले चीन प्रायोजित CPEC परियोजना ही जिम्मेदार है। पाकिस्तानी इकोनॉमी पर नजर रखने वाले जानकारों का दावा है कि CPEC को अकेले दोष देना ठीक नहीं है। अगर देश इस संकट में आया है तो इसके लिए कई चीजें जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 कारणों के बारे में, जिसके चलते पाकिस्तान की इकोनॉमी खोखली होती चली गई और देश का सारा खजाना खाली हो गया।
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