आर्थिक मोर्चे पर मोदी को मिली थी बहुत ही खस्ताहाल विरासत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने 26 मई 2018 को अपने कार्यकाल के चार साल पूरे किए हैं। जब मोदी सत्ता संभाले थे उनको एक ऐसी खराब अर्थव्यवस्था मिली थी, जिसको वैश्विक और घरेलू दोनों निवेशकों ने मुंह मोड़ लिया था। यूं कहें तो निवेशकों का भरोसा डगमगाया था। निवेशक ही नहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने भी रेटिंग को गिरा दिया था। अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब होने की संभावना और बड़ी हो रही थी। केंद्र में पिछले सरकार के आखिरी कुछ वर्षों में वित्तीय और चालू खाता घाटे की बढ़ोतरी, मुद्रास्फीति बढ़ने का दबाव, रुपये के गिरने से अर्थव्यवस्था में एक अभूतपूर्व उथल-पुथल देखा गया था। इसके साथ ही घोर पूंजीवादी व्यवस्था का बोलबाला था। कुछ खास लोगों के लिए देश के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन की छूट दी गई थी। ऐसे में मोदी के लिए एक खस्ताहाल अर्थव्यवस्था जहरीले प्याला के समान था। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में पिछले चार में सरचनात्मक सुधार के कई कदम उठाए गए हैं। इसके चलते भारत जो दुनिया के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (जीडीपी ...
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