टाटा स्टील ने जर्मनी की कंपनी थिसेनुकर्प से किया ज्वांइट वेंचर, यूरोप की दूसरी बड़ी कंपनी बनी
टाटा स्टील ने कहा है कि उसके बोर्ड ने यूरोपियन स्टील बिजनेस के लिए जर्मन स्टील कंपनी थिसेनकुर्प एजी के साथ ज्वाइंट वेंचर की मंजूरी दे दी है। यूरोप के सबसे बड़े स्टील टायकून लक्ष्मी एन. मित्तल के अर्सलर मित्तल के बाद यह ज्वाइंट वेंचर दूसरा बड़ा स्टील मेकर बन जाएगा। बीएसई को दी जानकारी बीएसई फाइलिंग में टाटा स्टील ने कहा है कि टाटा स्टील के बोर्ड ने टाटा स्टील और थिसेनकुर्प ने यूरोपियन मार्केट के लिए 50:50 ज्वाइंट करने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी कर लिए गए हैं। सितंबर 2017 में की गई थी घोषणा इससे पहले सितंबर 2017 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिंग पर साइन कर दिए गए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। जबकि पूर्ण समझौते की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी। दोनों कंपनियों ने पिछले साल सितंबर में अपने यूरोपीय ऑपरेशन के लिए ज्वाइंट वेंचर की घोषणा की थी। जर्मन स्टील कंपनी थिसेनकुर्प ने पिछले साल कहा था कि वह टाटा स्टील के साथ ज्वाइंट वेंचर की प्रक्रिया को साल 2018 के अंत तक पूरा कर देगा। 3 गुणा कैपेसिटी बढ़ाना चाहती है कंपनी थिसेनकुर्प कंपनी पावर सेक्टर में ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल होने वाले सीआरजीओ इलेक्ट्रिकल स्टील बनाती है, जिसकी वर्तमान कैपेसिटी 10,000 मीलियन टन सालाना है और कंपनी का प्लान है कि कैपेसिटी बढ़ाकर 35 हजार मिलियन टन तक पहुंचाया जाए। कंपनी ने कहा था कि इंडियन मार्केट में बढ़ रही कोल्ड रोल्ड ग्रेन की डिमांड को पूरा करने के लिए नया प्रोडक्ट लाइन सेट अप करने में टाटा स्टील की मदद करेगी।
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