आजादी के बाद जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों के लिए याद किए जाएंगे जेटली
नई दिल्ली.वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली का पांच साल का कार्यकाल बड़े सुधारों के लिए याद किया जाएगा। यह ऐसे सुधार हैं जिन्हें आजादी के बाद के सबसे दूरगामी कदम माना जा रहा है। अब जेटलीमोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने खुद ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मंशा जाहिर की है। वैसे, बीते पांच साल में जेटली ने एक सुपर वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। यही नहीं, अन्य मंत्रालयों में भी मार्गदर्शक सुधार भी किए। मनी भास्कर पेश कर रहा है उनके पांच सालों कालेखा-जोखा। माल और सेवा कर (जीएसटी) निस्संदेह, दशकों में
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