प्रचुर मॉनसून – ग्रामीण क्षेत्रों में कुल मांग के पुनरुद्धार का बना अग्रदूत जून में एक तीखी शुरुआत के बाद, भारत में पिछले 4 महीनों में पिछले 4 से 5 साल के दौरान मॉनसून की बारिश का सबसे अच्छा प्रसार देखने को मिला है। यूं तो कृषि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 18 फीसदी का योगदान देती है, लेकिन इसकी लगभग 50% आबादी कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर है। आने वाले त्यौहारी सीजन के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में भरपूर, खरीफ की फसल होने की संभावना है। वहीं बेहतर जलाशय स्तर और अच्छी मिट्टी की नमी के साथ इसने अच्छे रबी सीजन के लिए संभावनाओं को भी उज्ज्वल किया है। यह दो पहिया वाहन, यात्री वाहन, ट्रैक्टर, उपभोक्ता स्टेपल और ड्यूरेबल्स, निर्माण सामग्री के साथ-साथ उपभोक्ता वित्त जैसे क्षेत्रों में खास कर ग्रामीण इलाकों में पुनरुद्धार का अग्रदूत बन सकता है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी – वैश्विक आर्थिक वृद्धि के कारण भू-राजनीतिक और घटती आपूर्ति संबंधी चिंताएं भारत जैसे बड़े क्रूड आयातकों के लिए अच्छी खबर ग्लोबल लेबल पर कच्चे तेल की कीमतें 2019 और 2020 के लिए वैश्विक विकास के अनुमान के