खास खबर: इलेक्‍टोरल ट्रस्‍ट के जरिए राजनीति दलों को चंदा कितना सही ?

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स यानी ADR की ताजा रिपोर्ट मुताबिक, राजनीति दलों को जो चंदा मिल रहा है, उसमें सबसे बड़ा योगदान इलेक्‍टोलर ट्रस्‍टों का है। ज्‍यादातर इलेक्‍टोरल ट्रस्‍टों को देश के कॉरपोरेट घराने चलाते हैं। ऐसे समय में जब राजनीति दलों पर कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने और दोनों में आपसी सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं, तब इलेक्‍टोरल ट्रस्‍टों के जरिए कॉरपोरेट चंदे का रूट आखिर कितना सही है। कहीं ऐसा तो नहीं हैं कि इन इलेक्‍टोरल ट्रस्‍टों को बनाया ही इसीलिए गया कि ताकि राजनीति दलों और कॉरपोरेट घरानों के बीच के लेनदेन और उससे पैदा होने वाला गठजोड़ कभी जनता के बीच आ ही नहीं पाए। इलेक्‍टोरल ट्रस्‍ट के जरिए राजनीति दलों को चंदा मिलना आखिर कितना सही है? एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 में सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को 251.22 करोड़ रुपए का चंदा दिया यह भाजपा को मिलने वाले कुल चंदे का 47.19 फीसदी है। इस ट्रस्‍ट ने कांग्रेस को 13.90 करोड़ रुपए का चंदा दिया। अगर 2013-14 से 2016-17 के बीच का आंकड़ा देखें तो 9 चुनावी ट्रस्टों ने राजनीतिक दलों को 637.54 करोड़ रुपए का चंदा दिया। भाजपा को इस अवधि में 488.94 करोड़ और कांग्रेस को 86.65 करोड़ रुपए चंदे में मिले हैं। चुनावी ट्रस्टों की ओर दिए गए कुल चंदे में से 92.30 फीसदी यानी करीब 588.44 करोड़ रुपये की राशि पांच राष्ट्रीय दलों को मिली है। 16 क्षेत्रीय दलों को चंदे में महज 7.70 फीसदी यानी 49.09 करोड़ रुपए मिले हैं।

from RSS Feed – Money Bhaskar https://ift.tt/2kBTUqh

Comments

Popular posts from this blog

जेवराती मांग आने से महंगा हुआ सोना, एक सप्ताह में इतनी बढ़ गई कीमत

15 हजार में शुरू हो जाएगा सेनेटरी नैपकिन बिजनेस, सरकार दे रही है 90% लोन

जनवरी में लॉन्च होगा दुनिया का पहला पांच कैमरा वाला स्मार्टफोन, हो सकती है इतनी कीमत