महानगरों में प्रॉपर्टी पर जीएसटी घटाने की मांग, महंगा हुआ घर खरीदना

रियल एस्‍टेट डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई ने कहा है कि रियल एस्‍टेट पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगने से कई बड़े शहरों खासकर महानगरों में घर खरीदना महंगा हुआ है। इसलिए सरकार को जीएसटी की दर कम करनी चाहिए। हालांकि क्रेडाई का कहना है कि आने वाले सालों में जीएसटी रियल एस्‍टेट सेक्‍टर के लिए गेम चेंजर साबित होगा। अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी हुई महंगी पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्रेडाई के उपाध्यक्ष व एबीए कॉर्प के एमडी अमित मोदी ने कहा कि अंडर कंस्‍ट्रक्‍श्‍ान प्रॉपर्टी पर कुल कीमत का 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है, इसमें स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क शामिल नहीं है, लेकिन यह कंस्‍ट्रक्‍शन पूरे होने या रेडी टू मुव इन प्रॉपर्टी पर लागू नहीं होता है, क्योंकि इन प्रोजेक्‍ट्स पर कोई इनडायरेक्‍ट टैक्‍स नहीं लगते। अमित मोदी ने कहा कि भारत में प्रॉपर्टी की खरीद बेहद महंगी पड़ती है और ज़्यादातर लोग अपने जीवन की पूरी पूंजी इसी में खर्च कर देते हैं। पहले देना पड़ता था 5.5 फीसदी टैक्‍स मोदी के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर पर लगाया जाने वाला मौजूदा जीएसटी पिछले ,टैक्‍सों से अधिक है। पहले 5.5 फीसदी टैक्‍स था, लेकिन अब 12 फीसदी जीएसटी है, इसलिए सरकार को इस टैक्‍स में कमी लाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में जहां प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से शुरू होती है, प्रॉपर्टी पर जीएसटी को घटा देना चाहिए, अगर सरकार वास्तव में 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना चाहती है। जीएसटी एक मुश्किल प्रक्रिया है, जिसके चलते एक साल बाद भी बाज़ार में स्थिरता नहीं आई है, ऐसे में इस प्रक्रिया को सुगम बनाने की आवश्यकता है। हालांकि जीएसटी लागू होने से प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। लेकिन रियल एस्टेट पर जीएसटी दरों में कमी लाना और इसे प्रभावी रूप से लागू करना ज़रूरी है।

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