मिशन रफ्तार 2022 के लिए रेलवे ने स्पीड पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसके तहत अब बनने वाले नए ट्रेक को इस तरह बनाया जाएगा कि 160 किमी रफ्तार की ट्रेनें आसानी से गुजर जाएं। इतना ही नहीं, इन नई लाइन पर कोई लेवल क्रॉसिंग भी नहीं होगा। इस फ्रेमवर्क में यह भी तय किया गया है कि 160 किमी से अधिक स्पीड वाले क्सक्लूसिव कॉरिडोर पर भी विचार किया जाएगा और ऐसे कॉरिडोर को पीपीपी ( पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) मोड पर चलाया जा सकता है। रूट्स होंगे अपग्रेड रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूर किए गए स्पीड पॉलिसी फ्रेमवर्क के मुताबिक, स्वर्णिम चतुर्भुज और डायगोनल रूट्स को अपग्रेड किया जाएगा, ताकि उन पर 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनें चल सकें, जबकि ब्रॉडगेज नेटवर्क पर 130 किमी की स्पीड से ट्रेनें चलाने के लिए अपग्रेड किया जाएगा। इंफ्रा पर भी होगा फोकस बोर्ड ने सभी जनरल मैनेजर्स को भेजे पत्र में कहा है कि स्पीड बढ़ाने के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे, वे रूट वाइज होंगे। उस रूट पर पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाएगा, जिसमें ट्रैक, सिग्नलिंग, ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी (ओएचई), रोलिंग स्टॉक (कोच, लोकोमो